बेपनाह चाहना क्या है ?
इतना की वो सोच भी न सके,
इतना कि तुमने भी कभी सोचा न हो,
इतनी खुशियां जो आँखों मैं झलके ,
इतना क़ीमती की जैसे उस लम्हे को रोक ले ज़िन्दगी भर के लिए
इतना कि कभी कभी गुरूर हो,
इतनी शिद्दत की हमारी दोस्ती कभी मजबूर न हो ,
इतना की कोई उतर नहीं सकता गहराईयों में इस तरह ,
इतना कि मेरी हर बात का एहसास हो तुझे किस तरह ,
इतना कि वो तुमसे कुछ छिपा न सके,
इतना कि मैं कुछ छिपा न सकूं
इतना कि वो जब तक रहे खुद में महसुस करें,
इतना कि जब वो अलग हो ज़िदगी भर याद करें !!!
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